My Education

Categories

Nibandh lekhan – Essay writing in Hindi निबंध लेखन

Nibandh lekhan – निबंध आधुनिक साहित्य की अत्यंत लोकप्रिय गद्य-कला है। अंग्रेजी में इसे ‘Essay’ कहते हैं, जो ‘इसाई’ शब्द से बना है। निबंध से तात्पर्य अपने मन के भावों को व्यक्त करने का प्रयास करना। निबंध मन की एक शिथिल विचार तरंग है, जो असंगठित अपूर्व और अव्यवस्थित होती है। इसे जब व्यवस्थित रूप में संगतिपूर्ण शब्दों के माध्यम से लिपिबद्ध किया जाता है, तब यह निबंध होता है। लेखक के मन की विशेष भाव-श्रंखला की अभिव्यक्ति ही निबंध (Essay) है। सभी अभिव्यक्ति भिन्न-भिन्न प्रकृति के होते हैं और उनकी अपनी-अपनी शैली होती है। शैली में व्यक्तित्व की स्पष्ट झलक होती है इसीलिए एक ही विषय पर लोग भिन्न-भिन्न प्रकार से विचार व्यक्त करते हैं। यही कारण है कि निबंध को हम सीमित नहीं कर सकते कि अमुक विषय पर बस इसी एक ही प्रकार से निबंध लिखा जाये।

प्रत्येक व्यक्ति की उस समय की मनोदशा, उनका अपना अनुभव, अपनी भाषा-शैली और व्यक्तित्व तथा शब्द चयन निबंध में व्यक्त होता है। लेखक को शब्द योजन और वाक्य रचना का किस सीमा तक ज्ञान है, क्या वह मुहावरे दार भाषा का प्रयोग करता है या सरल भाषा का, यह सब उसके कौशल पर निर्भर करता है।

निबन्ध विद्यार्थियों/लेखक के भाषा ज्ञान को परखने की कसौटी है। निबंध लेखन में माध्यम से ही छात्र की लेखन-शैली के कौशल को परखा जाता है। परीक्षक यह देखना चाहता है कि अपने ज्ञान को संयोजित कर छात्र किस प्रकार से उसे सरल, व्यवस्थित, प्रभावशाली भाषा में व्यक्त कर सकता है। छात्रों को यह जानना अति आवश्यक है कि वे सीमित समय में और सीमित शब्दों में अच्छा निबंध किस प्रकार से लिखें।

Nibandh lekhan ka tarika

अच्छा निबंध लिखने के लिए निम्नलिखित बातें ध्यान में रखें:

  1. निबंध लिखने से पहले हमें सही विषय का चयन करना चाहिए। ऐसा विषय चुनना चाहिए जिसके बारे में में भली-भांति जानकारी हो।
  2. निबंध लिखने में मुख्य रूप से हमें आधार-सामग्री पर ध्यान देना आवश्यक है, भाषा और वाक्य गठन भी भावनुकूल होना चाहिए।
  3. निबंध की भाषा रोचक होनी चाहिए, भाषा में प्रवाह और बोधगम्य होना चाहिए।
  4. सबसे पहले हमें निबंध की रूपरेखा सुव्यवस्थित रोचक ढंग से तैयार कर लेनी चाहिए रूपरेखा पूरी बन जाने के बाद उसके आधार पर निबंध लिखना चाहिए।
  5. भाषा में सतर्कतापूर्वक वर्तनी की असुद्धियों पर विशेष ध्यान देकर शुद्ध लिखना चाहिए। विराम-चिन्हों का समुचित प्रयोग होना चाहिए।
  6. भाषा के प्रयोग में एक आवश्यक सावधानी रखें की किसी भी शब्द या वाक्य की पुनरावृत्ति न हो, अन्यथा भाषा का स्वरूप कम होगा जिससे निबंध प्रभावशाली नहीं रह पायेगा।

इसे भी पढ़ें – हिंदी पत्र कैसे लिखें?

Parts of an Essay/निबंध के अंग

ये मुख्य रूप से तीन होते हैं-

1. प्रस्तावना – प्रायः छात्रों को यह दुविधा रहती है की निबंध किस प्रकार से प्रारंभ करें। अतएव अच्छे आरम्भ के लिए कुछ बातें ध्यान में रखना आवश्यक है क्योंकि यदि प्रारंभ ही गलत दिशा में हो गया तो पूरे निबंध का structure(ढांचा) बिगड़ जाता है।

प्रस्तावना में किस विषय पर आप निबंध लिख रहे हैं – वह क्या है? उसकी परिभाषा या विषय का स्पष्टीकरण और उसके स्वरूप की विवेचना करें। उस विषय का हमारे जीवन में, हमारे समाज में या वर्तमान में उसकी क्या उपयोगिता है आदि का वर्णन करना चाहिए। फिर प्राचीनकाल में इसकी क्या जरूरत थी तथा वर्तमान में इसमें क्या और कैसे परिवर्तन आया इसका विशेष रूप वर्णन होने चाहिए।

2. विषय विस्तार – प्रस्तावना की सृष्टि होने पर हम निबंध के विषय के जितने क्षेत्र और पक्ष हो सकते हैं, उनके आधार पर निबंध को आगे बढ़ाते हैं। इसमें भी पुनरावृत्ति से बचना चाहिए। एक स्वतंत्र बात या विचार को एक अनुच्छेद में रखें। विषय से सम्बन्धित जो भी बात सम्भव हो वह छूटना नहीं चाहिए। निबंध के बारे में जो भी जानकारी हो, वह व्यवस्थित रूप में लिखनी चाहिए। उदाहरण के लिए – विज्ञान के विषय में प्राचीनकाल में उसकी क्या स्थिति थी तथा वर्तमान में उसकी क्या गतिविधि है और जीवन में क्या लाभ हैं, आदि लिखकर भविष्य में उसकी क्या सम्भावनाएँ आदि का वर्णन करना चाहिए। इस प्रकार आसानी से किसी भी विषय पर निबंध लिखा जा सकता है। भाषा-शैली रोचक होनी चाहिए, यदि सम्भव हो तो महापुरुषों के उदाहरण भी लिखना चाहिए। उससे हमारी बात में दृढ़ता आ जाती है।

निबंध के मध्य में ही लेखक पाठक को अपने तर्क समझाने का प्रयास करता है। यही भाग निबंध का सबसे अधिक विस्तृत भाग होता है। प्रारंभ में इस भाग का सम्बन्धित होना आवश्यक है और इसके सभी सिद्धांत वाक्य अंत की ओर उन्मुख होने चाहिये।

3. उपसंहार – यह निबंध का अंतिम भाग है। लेखक को यह भाग अति सावधानी से पूरा करना चाहिए। उपसंहार की सफलता पर ही निबंध की सफलता निर्भर करती है। निबंध का उपसंहार आकर्षक और सारगर्भित होना चाहिए। उपसंहार में जो कुछ भी हमने निबंध में लिखा है, उसका सारांश संक्षेप में एक अनुच्छेद में लिखना चाहिए। हमें निबंध का अंत वहाँ करना चाहिए, जहाँ विषय की विवेचना हमारी जिज्ञासा को पूरी तरह संतुष्ट कर दे। प्रस्तावना के समान ही उपसंहार का महत्व होता है।

Nibandh lekhan ke prakar

प्रमुख रूप से निबंध चार प्रकार के होते हैं –

  • वर्णनात्मक
  • विवरणात्मक या चरित्रात्मक
  • विवेचात्मक या विचारात्मक
  • साहित्यिक या आलोनात्मक

वर्णनात्मक – वे निबंध जिसमें किसी देखी हुई वस्तु या दृश्य का वर्णन होता है उन्हें हम वर्णनात्मक निबंध कहते हैं: जैसे- यात्रा, पर्व, मेला, पर्वत, पशु-पक्षी ग्राम आदि का वर्णन होता है।

विवरणात्मक – इसका अन्य नाम चरित्रात्मक भी है। इस प्रकार के निबंधों में ऐतिहासिक घटनाओं, ऐतिहासिक यात्राओं तथा महान पुरुषों की जीवनी एवं आत्मकथा आदि का वर्णन होता है।

विवेचनात्मक – इस प्रकार के निबंधों में विचारों की प्रमुख रूप से प्रधानता होती है। इसलिए इन्हें विवेचात्मक या विचारात्मक निबंध कहा जाता है। जैसे- अहिंसा, परोपकार, सत्संगति, श्रध्दा-भक्ति, करुणा-क्रोध आदि विषय पर लिखे गए निबंध इसी श्रेणी में आते हैं।

आलोचनात्मक – इस प्रकार के निबंधों के अंतर्गत सामाजिक, सांस्कृतिक, राजनीतिक, धार्मिक एवं साहित्यक समस्त प्रकार के निबंध आते हैं। इस प्रकार के निबंधों में तर्क-वितर्क द्वारा पक्ष-विपक्ष को प्रस्तुत किया जाता है।

समसामयिक समस्याओं से सम्बन्धित निबंध में यथा आतकंवाद, महँगाई की समस्या, साम्प्रदायिकता, जनसंख्या विस्फोट, बेरोजगारी एवं आरक्षण आदि की समसामयिक समस्याएँ शामिल हैं।

I hope you liked this post on essay writing/nibandh lekhan in Hindi. Thanks for reading.

FAQs

हिंदी में निबंध कैसे लिखें?

1. निबंध लिखने से पहले हमें सही विषय का चयन करना चाहिए।
2. ऐसा विषय चुनना चाहिए जिसके बारे में में भली-भांति जानकारी हो।
3. निबंध लिखने में मुख्य रूप से भाषा और वाक्य गठन भी भावनुकूल होना चाहिए।
4. निबंध की भाषा रोचक होनी चाहिए, भाषा में प्रवाह और बोधगम्य होना चाहिए।

निबंध कैसे शुरू करें

शुरू में परिभाषा या विषय का स्पष्टीकरण और उसके स्वरूप की विवेचना करें। उस विषय का हमारे जीवन में, हमारे समाज में या वर्तमान में उसकी क्या उपयोगिता है आदि का वर्णन करना चाहिए। फिर प्राचीनकाल में इसकी क्या जरूरत थी तथा वर्तमान में इसमें क्या और कैसे परिवर्तन आया इसका विशेष रूप वर्णन होने चाहिए।

निबंध कितने प्रकार के होते हैं?

प्रमुख रूप से निबंध चार प्रकार के होते हैं –
1. वर्णनात्मक, 2. विवरणात्मक या चरित्रात्मक, 3. विवेचात्मक या विचारात्मक, 4. साहित्यिक या आलोनात्मक।

Topics

Categories